गर्भस्थ संतान पुत्र है, या पुत्री का विचार :-
प्रश्नकुंडली के लग्न में सूर्य,गुरु या मंगल हो अथवा 3/5/9वे स्थान में हों तो पुत्र , और अन्य कोई ग्रह इन स्थानों पर हो तो कन्या होती है।।
प्रश्न लग्न विषम राशि या विषम नवमांश में हो व लग्न में सूर्य , गुरु तथा चन्द्रमा बलवान होकर उपस्थित हों तो पुत्र का जन्म होता है। सम राशि या सम राशि के नवमांश में ये ग्रह स्थित हों तो कन्या का जन्म होता है, सूर्य और गुरु विषम राशि में हों तो पुत्र, चंद्रमा, शुक्र और मंगल यदि सम राशि में हों तो कन्या जन्म होता है।।
शनि लग्न के सिवा अन्य विषम राशि में स्थित हो तो पुत्र एवं द्विस्वभाव लग्न पर बुध को दृष्टि हो तो यमल संतान उत्पन्न होती है।।
लग्न में पुरुष राशि हो और बलवान पुरुष ग्रह पर उसकी दृष्टि हो पुत्र, सम राशि हो और कन्या ग्रह की दृष्टि हो तो कन्या का जन्म होता है।।
पंचमेश और लग्नेश सम राशि में हो तो कन्या,विषम राशि में हों तो पुत्र उत्पन्न होता है।।
लग्नेश और पंचमेश एक साथ बैठे हों या एक दूसरे को देखते हो अथवा परस्पर एक दूसरे के स्थान में हों तो पुत्र योग होता है।।
प्रश्नकर्ता जिस दिन पूछ रहा है, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर उस दिन की तिथि संख्या, प्रहर संख्या, वार संख्या, नक्षत्र संख्या को जोड़कर योगफल में से एक घटाकर 7 से भाग दें, यदि विषम अंक शेष बचे तो पुत्र और सम अंक शेष बचे तो कन्या ऐसा जाने।।
पुरुष ग्रह -सूर्य मंगल और गुरु बलवान हो तो पुत्र, स्त्री ग्रह-चंद्रमा, शुक्र बलवान हो तो कन्या का जन्म होता है।।
प्रश्नकुण्डली में 3/5/9/11वें स्थान में सूर्य, मंगल और गुरु हो तो पुत्र अथवा 5 या 9 स्थान में बलवान गुरु बैठा हो तो पुत्र का जन्म होता है ।।
गर्भिणी के नाम के अक्षरों में वर्तमान तिथि की संख्या को जोड़कर तथा 15 और जोड़कर 9 का भाग देने से यदि विषम अंक शेष रहे तो पुत्र वा यदि सम अंक शेष रहे तो कन्या होती है।।
तिथि, वार और नक्षत्र संख्या में गर्भिणी के नाम के अक्षर को जोड़कर 7 का भाग देने से एकादि शेष बचने पर रविवार , सोमवार आदि होते हैं। इस प्रक्रिया रविवार , भौम, या गुरु निकले तो पुत्र, शुक्र , चन्द्र और बुध निकले तो कन्या, शनिवार निकले तो क्षीण संतति समझना चाहिए।।
गर्भिणी के नाम के अक्षरों में 20 का अंक, वर्तमान तिथि संख्या और 4 का अंक जोड़कर 9 से भाग देने पर यदि सम अंक शेष बचे तो कन्या और यदि विषम अंक शेष बचे तो पुत्र समझना चाहिए।।
यदि प्रश्न करता अपने दाहिने अंग का स्पर्श करते हुए प्रश्न करें तो पुत्र और बाएं अंग का स्पर्श करते हुए प्रश्न करें तो कन्या समझना चाहिए।।
आर. पी. दुबे…..+917007314594
शुभम् भवतु…


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