मंत्र का आशय ध्वनि से होता है। आजकल आधुनिक विज्ञान इस पूरी सृष्टि को एक कंपन मानता है। अब जहां कही भी कंपन होगा, वहां ध्वनि तो होगी ही। इसका मतलब है कि यह संपूर्ण सृष्टि एक प्रकार की ध्वनि या कई ध्वनियों का एक जटिल मिश्रण है। यह भी कह सकते हैं कि संपूर्ण सृष्टि विभिन्न प्रकार के मंत्रों का मेल है। इन में से कुछ मंत्रों या ध्वनियों की पहचान हो चुकी है, जो अपने आप में चाभी की तरह हैं। अगर हम उनका एक खास तरह से इस्तेमाल करें तो वे जीवन के अलग आयाम को खोलने में सक्षम हैं, जिनका अनुभव हम अपने भीतर कर सकते हैं।
मंत्र कई तरह के होते है। हर मंत्र शरीर के किसी निश्चित हिस्से में एक खास तरह की उर्जा जागृत करता है। बिना जागरुकता के किसी आवाज को केवल बार-बार दुहराने से दिमाग में सुस्ती छा जाती है। किसी भी ध्वनि के लगातार उच्चारण से मन सुस्त हो जाता है। जब आप पूरी जागरुकता के साथ उसकी सही समझ के साथ मंत्रोच्चारण करते हैं तो वह एक शक्तिशाली साधन बन सकता है। एक विज्ञान के रूप में, यह एक शक्तिशाली आयाम है। लेकिन आज जिस तरह से बिना किसी आधार या बिना आवश्यक तैयारी के लोगों को मंत्र दिए जा रहे हैं इससे बहुत नुकसान हो सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you for commenting. We will contact you soon.